मेरी आवारगी

हिन्दी दिवस पर महापुरषों को नमन

ये वो हैं जिन्होंने हिंदी का सर ऊंचा किया है
प्रिय पाठकों, हिन्दी सप्ताह की इस श्रृंखला में मैंने सोचा की चलिए क्यों ना आप सबके लिए कुछ सहेजने लायक भी किया जाए ..... मतलब प्रतीकात्मक रूप में तो मित्रों मैंने हिन्दी दिवस पर माँ हिन्दी को स्तुत्य करने के प्रयास में एक वालपेपर चित्रित करने का एक सूक्ष्म सा प्रयास किया है। मैं नहीं जानता की ये कोई बहुत सृजनात्मक कार्य है अथवा नहीं पर अपनी ओर से नमन का प्रयास है।इस वालपेपर में हिन्दी को स्वरुप देने वाले कुछ महापुरुषों का चित्र है और वर्णमाला है ...... सुविधा के लिए मैंने बड़े आकार की फाइल बनाई है। हमारे मयंक भाई के शब्दों और सार्थक प्रयास को जन जन तक पहुँचाने के लिए मैंने उनकी इस सृजनात्मकता को अपने ब्लॉग पर सहेजा है।

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1 Comments

Udan Tashtari said…
साधुवाद!!


बहुत सार्थक एवं उम्दा प्रयास है.

बधाई.