मेरी आवारगी

कब तलक ???

आतंक का ये जलजला
कब तक चलेगा यूं भला ?
बेकसूर मरेंगे कब तलक ?
यूं ब्लास्ट होंगे बाम्ब कब तलक ?
हिंसा की ये ज्वाला जलेगी यूं कब तलक ? 
कि कितने कुर्बान हुए 
और होंगे यूं कब तलक ?
ये भ्रष्टाचारी ये देशद्रोह 
कि मर गया क्यों देश मोह ?
भाई-भाई का कातिल है 
बेटा भी बाप से कातिल है।
हर एक नुरानी चेहरे को,
उस पीले रंग सुनहरे को ।
देखा हिंसा के कटहरे में, 
कि उसकी भी अपनी जंग चल रही
 किसी न किसी पहले में।
अरे किसका कौन विश्वास करे 
कि बेटा माँ से गद्दार रहे।
मर गई है आदमियत, 
चलेगा राज यूं कब तलक ?
सब सो रहें हैं सब खो रहे हैं 
अपने-अपने में मगन हो रहे हैं।
कि चोला यों तनन हो रहे हैं। 
कोई भी किसी का सगा नहीं 
बेटे का भी माँ से दगा सही।
उस भारत माँ की मैं बात करूँ
जिसकी भक्ति में मगन रहूँ।
गुजर गया वो एक जमाना 
जब वीर भगत और आजाद ने था ठाना।
कि भारत माता को है आजाद करना।
आजाद भी कर दिया 
और हवन भी लगा दिया।
आजादी की उस ज्वाला में 
अपनें को यूं जला दिया।
अरे ये तो ठीकै-ठीक रही
 क्या आज भी ऐंसी क्रांति जन्म ले रही ?
जन्म होते हैं गद्दारों के 
भ्रष्टाचारी सिपेसलारों के।
अरे दूध कहाँ पीते हैं ये ?
भ्रष्टाचारी का जूस पीके जीते हैं ये।
पीने की तो ये बात सही 
खाने की भी मैंने बात कही।
कि माँ को बेंच के खाते हैं 
अपने को पूत बताते हैं।
क्यों इतने ये कंगाल हुए 
कि माँ के भी दलाल हुए ?
ये सिलसिला जो चल रहा 
चलेगा यूं कब तलक?
एकता का वो मंत्र 
जो बापू ने हमें सिखाया था।
क्यों भूल गई दुनिया सारी 
बापू ने क्या फ़रमाया था ?
यूं आंसू बहाऊं कब तलक ?
लिखता चलूँ मैं कब तलक ?
खून खौलता मेरा 
उसे मैं जलाऊं कब तलक ? 
जब तलक ये जिन्दगी रही 
तब तलक मेरी कलम चली।
सोते हुओं कों तो जगाऊं मैं, 
'आवारा' जो बहाना करे सोने का...
उसे जगाऊं कब तलक ... 
उसे जगाऊं कब तलक ?

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1 Comments

Siddharth Kumar said…
Achhi Rachna
Ise Kavita ke style me post karenge to jyada achha lagega.
Keep it Up.
Bahut Achhe