बेतरतीब इस दुनिया की दौड़ में
कहीं पीछे न रह जाएं
हर घाव और जख्म
हर घाव और जख्म
को सीते न रह जाएं।
इस भीड़ में खोने का अहसास अब हो रहा है।
जब इतने रिश्तों का प्यार हम पे बरस रहा है।
जिस भी प्यार से देखना चाहा।
हर बार वो जख्म देता नजर आया।
वो अनजाने ही हैं जो अपने हो गए।
ना जाने क्या गुनाह था मेरा जो
इस भीड़ में खोने का अहसास अब हो रहा है।
जब इतने रिश्तों का प्यार हम पे बरस रहा है।
जिस भी प्यार से देखना चाहा।
हर बार वो जख्म देता नजर आया।
वो अनजाने ही हैं जो अपने हो गए।
ना जाने क्या गुनाह था मेरा जो
उस हकीकत के अफसाने हो गए।
दिया ही क्यों था ए खुदा जब
दिया ही क्यों था ए खुदा जब
इस दुनिया में कोई कदरदान नहीं ?
हमें क्या पता था कि दिलवालों
हमें क्या पता था कि दिलवालों
का यहां कोई सम्मान नहीं।
इस दौलत परस्त दुनिया में दिल
इस दौलत परस्त दुनिया में दिल
कि बादशाहत से क्यों नवाजा मुझको ?
कि हर बार समझना पड़ा खुद को।
वो नजरिया देखने का है
वो नजरिया देखने का है
जो पिजरे में पंछी कैद नजर आता है।
ये पता है मुझे कि आदमी तन्हा
और अकेला ही तेरे द्वार आता है।
वो तेरी रहमत का बादल है
वो तेरी रहमत का बादल है
जो मेरी प्यास बुझा जाता है।
मुझे तो यहाँ अब कोई न
मुझे तो यहाँ अब कोई न
अपना नज़र आता है।
अपना हो के भी बेगानी मौत मरना है मुझे
अपना हो के भी बेगानी मौत मरना है मुझे
तो फ़िर क्यों प्यार का मीठा ज़हर दिया जाता है।
है जश्न जिन्दगी का और बहारें भी है
है जश्न जिन्दगी का और बहारें भी है
फ़िर क्यों टूटा तारा मुझे नज़र आता है।
एक मेरा ही दिल दरिया है जो बहा जाता है।
ऐ बेमुर्रवत जिंदगी तुझे भी नहीं तरस आता है।
कि बहारों में भी मुझे आवारा कांटा समझा जाता है।
प्यार तो फूल से कभी किया न जाता है
एक मेरा ही दिल दरिया है जो बहा जाता है।
ऐ बेमुर्रवत जिंदगी तुझे भी नहीं तरस आता है।
कि बहारों में भी मुझे आवारा कांटा समझा जाता है।
प्यार तो फूल से कभी किया न जाता है
याद करोगे हर बार इस कांटें को
जो चुभ कर भी बार-बार याद आता है।
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