सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह से खास बातचीत |
1 प्रश्न. सीबीआई कोर्ट में देशभर के 6894 केस केवल भ्रष्टाचार से संबंधित (जनवरी 2013 के सरकारी आंकड़े) लंबित हैं. 2011 के आंकड़ों में एक दशक में 2300 केस सीबीआई हल नहीं कर पाई. अकेले महाराष्ट्र में 338 ऐसे केस अनसुलझे रहे क्यों? राज्यों की जांच सिफारिशों के भी यही हाल हैं?
उत्तर. देखिए आंकड़ें तो ये भी हैं कि देश में सीबीआई के पास पूरी स्ट्रेंथ कभी नहीं रही, तो बिना लोगों के काम कैसे होगा. अभी लगभग 3100 पद रिक्त हैं, जिनमें राज्यवार हर जगह 200 से ज्यादा रिक्तियां हैं. अकेले महाराष्ट्र में 223 पद खाली हैं. फिर हमारे यहां कामकाज की प्रक्रिया चाहे सीबीआई की हो या सरकार की जटिल और पुरानी है, जिसमें समय लगता है. फाइल, दफ्तर और अनुमतियां यहीं उलझी रहती है सीबीआई.
उत्तर. देखिए आंकड़ें तो ये भी हैं कि देश में सीबीआई के पास पूरी स्ट्रेंथ कभी नहीं रही, तो बिना लोगों के काम कैसे होगा. अभी लगभग 3100 पद रिक्त हैं, जिनमें राज्यवार हर जगह 200 से ज्यादा रिक्तियां हैं. अकेले महाराष्ट्र में 223 पद खाली हैं. फिर हमारे यहां कामकाज की प्रक्रिया चाहे सीबीआई की हो या सरकार की जटिल और पुरानी है, जिसमें समय लगता है. फाइल, दफ्तर और अनुमतियां यहीं उलझी रहती है सीबीआई.
2 प्रश्न. तो आपको क्या लगता है त्वरित निवारण के लिए फास्ट ट्रैक सीबीआई कोर्ट या फिर सीबीआई को कैग और चुनाव आयोग की तरह अधिकारों की जरूरत है?
उत्तर. देखिए सीबीआई को सरकार के पिंजरे का तोता कहकर भी संबोधित किया गया, लेकिन उसके अंदर रहने वाले लोग जानते हैं कि वास्तविकता क्या है? मेरा मानना है कि सिर्फ काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए, कैग की रिपोर्ट भले आ जाए हम बिना किसी के आपत्त्ति उठाए उस पर रिपोर्ट फाइल नहीं कर सकते. मैं सीबीआई को कैग और चुनाव आयोग की तरह सक्षम बनाए जाने के पक्ष में हूं. मुझे लगता है कि सीबीबाई को और ताकत व बेहतर लोग चाहिए.
उत्तर. देखिए सीबीआई को सरकार के पिंजरे का तोता कहकर भी संबोधित किया गया, लेकिन उसके अंदर रहने वाले लोग जानते हैं कि वास्तविकता क्या है? मेरा मानना है कि सिर्फ काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए, कैग की रिपोर्ट भले आ जाए हम बिना किसी के आपत्त्ति उठाए उस पर रिपोर्ट फाइल नहीं कर सकते. मैं सीबीआई को कैग और चुनाव आयोग की तरह सक्षम बनाए जाने के पक्ष में हूं. मुझे लगता है कि सीबीबाई को और ताकत व बेहतर लोग चाहिए.
3 प्रश्न. आपको नहीं लगता कि ज्यादा ताकत के साथ चाहे संस्था हो या व्यक्ति आताताई हो जाता है?
उत्तर. देखिए मैं सीबीआई को काम करने की स्वतंत्र अनुमति देने के हक में हूं. अच्छे और बुरे लोग तो हर जगह हैं. बेहतर लोगों को तराशने और संवारने की जरूरत है, फिर अंकुश के लिए लोकतंत्र के चौथे पाए से बेहतर मौजूदा समय में मैं किसी को नहीं समझता.
उत्तर. देखिए मैं सीबीआई को काम करने की स्वतंत्र अनुमति देने के हक में हूं. अच्छे और बुरे लोग तो हर जगह हैं. बेहतर लोगों को तराशने और संवारने की जरूरत है, फिर अंकुश के लिए लोकतंत्र के चौथे पाए से बेहतर मौजूदा समय में मैं किसी को नहीं समझता.
4 प्रश्न. यूपीए सरकार में हुए हालिया घोटालों के बारे में क्या कहेंगे? चाहे वह कोलगेट हों, रेलघोटाला या टूजी घोटाला? कोलगेट घोटाले की गायब फाइलों के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर. देखिए घोटाले हर सरकार में हुए हैं. सब सरकारें अपने एक दिन और टिके रहने के बारे में ही सोचती हैं. फाइलें तो जानबूझकर दबाई गई हैं, क्योंकि उनसे काफी सफेदपोश लोग बेनकाब हो जाएंगे. फाइल दफ्तर-दफ्तर भले ही घूमें सारी प्रक्रिया के बाद उनका स्थायी रिकॉर्ड रखा जाता है.
उत्तर. देखिए घोटाले हर सरकार में हुए हैं. सब सरकारें अपने एक दिन और टिके रहने के बारे में ही सोचती हैं. फाइलें तो जानबूझकर दबाई गई हैं, क्योंकि उनसे काफी सफेदपोश लोग बेनकाब हो जाएंगे. फाइल दफ्तर-दफ्तर भले ही घूमें सारी प्रक्रिया के बाद उनका स्थायी रिकॉर्ड रखा जाता है.
5. प्रश्न. एटार्नी जनरल जीई वाहनवती के हालिया पत्र के बाद कोयला मंत्रालय ने फाइलों की खोज तेज की है. मामला सर्वोच्च न्यायालय में जाने की उम्मीद है, आपको क्या लगता है?
उत्तर. देखिए मैं पहले भी कह चुका हूं कि हर सरकारी महकमे में फाइलों का स्थायी रिकॉर्ड रूम है, वहां से गायब होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. न्यायालयों में तो वही होगा कि तारीख पर तारीख. अंजाम आपने सामने है चाहे वह टूजी घोटाले के राजा हों या रेल घोटाले के पवन बसंल, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है.
उत्तर. देखिए मैं पहले भी कह चुका हूं कि हर सरकारी महकमे में फाइलों का स्थायी रिकॉर्ड रूम है, वहां से गायब होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. न्यायालयों में तो वही होगा कि तारीख पर तारीख. अंजाम आपने सामने है चाहे वह टूजी घोटाले के राजा हों या रेल घोटाले के पवन बसंल, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है.
6. प्रश्न. केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कल ही कहा कि कोलगेट को लेकर औपचारिक बुलावे पर प्रधानमंत्री सीबीआई के सामने पेश होने को तैयार हैं? क्या उन्हें पेश होना चाहिए?
उत्तर. कोयला मंत्रालय कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री के पास था. अगर जरूरत समझी जाती है तो निश्चित रूप से उन्हें पेश होना चाहिए. लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं नहीं समझता कि इसकी जरूरत पड़ेगी.
उत्तर. कोयला मंत्रालय कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री के पास था. अगर जरूरत समझी जाती है तो निश्चित रूप से उन्हें पेश होना चाहिए. लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं नहीं समझता कि इसकी जरूरत पड़ेगी.
7. प्रश्न. एक व्यक्तिगत सवाल, अपवादों को छोड़कर आपको ऐसा नहीं लगता कि सीबीआई के सेवानिवृत्त होने के बाद ही अधिकारी ज्यादा खुलासा करते हैं?
उत्तर. देखिए मैं दूसरों की नहीं कहता मैंने जुलाई 1996 से जून 1997 तक के अपने कार्यकाल के दौरान अपने तरीके से ही काम किया. चाहे वह सुखराम रहे हों या लालू कुछ और नाम हैं मगर लेना नहीं चाहूंगा क्योंकि वो अब कब्र में हैं. जहां गलत दिखा उसके लिए हर कीमत पर देश हित की ओर ही खड़ा रहा.
उत्तर. देखिए मैं दूसरों की नहीं कहता मैंने जुलाई 1996 से जून 1997 तक के अपने कार्यकाल के दौरान अपने तरीके से ही काम किया. चाहे वह सुखराम रहे हों या लालू कुछ और नाम हैं मगर लेना नहीं चाहूंगा क्योंकि वो अब कब्र में हैं. जहां गलत दिखा उसके लिए हर कीमत पर देश हित की ओर ही खड़ा रहा.
8. प्रश्न. भ्रष्टाचार को कोई स्थायी हल आपकी नजर में?
उत्तर. भ्रष्टाचार कभी खत्म नहीं हो सकता और न ही घोटाले. मैंने कभी जिन लोगों को रिजक्ट किया था, ऐसे तीन लोग अब तो डीजीपी होकर रिटायर भी हो गए हैं. कानून को और सख्त बनाने की जरूरत है, गुंजाइश भी शेष न रहे जहां, ऐसा कुछ होना चाहिए. नए और अच्छे लोगों की जरूरत है.
उत्तर. भ्रष्टाचार कभी खत्म नहीं हो सकता और न ही घोटाले. मैंने कभी जिन लोगों को रिजक्ट किया था, ऐसे तीन लोग अब तो डीजीपी होकर रिटायर भी हो गए हैं. कानून को और सख्त बनाने की जरूरत है, गुंजाइश भी शेष न रहे जहां, ऐसा कुछ होना चाहिए. नए और अच्छे लोगों की जरूरत है.
9. प्रश्न. हम हमेशा सुधार और युवाओं के आगे आने की बात करते हैं, चाहे कानून में हो या राजनीति, लेकिन आप जैसे अनुभवी लोग हटना ही नहीं चाहते नए लोग आएंगे कैंसे?
उत्तर. देखिए ये आप पर है जो सरकारें चला रहे हैं वो भी हममें से हैं, जो सरकार बनाएंगे वो भी, तो अंतिम रूप से चुनना आपको ही है. इसलिए यह हम सबको ही तय करना होगा.
उत्तर. देखिए ये आप पर है जो सरकारें चला रहे हैं वो भी हममें से हैं, जो सरकार बनाएंगे वो भी, तो अंतिम रूप से चुनना आपको ही है. इसलिए यह हम सबको ही तय करना होगा.
10 प्रश्न. सवाल यही है कि आप लोग हटना ही नहीं चाहते, क्या करें?
उत्तर. हंसते हुए तो फिर हिटलर ने जो किया था वही किया जाना चाहिए, क्योंकि सहने की और विरोध करने की एक हद तो होनी ही चाहिए.
उत्तर. हंसते हुए तो फिर हिटलर ने जो किया था वही किया जाना चाहिए, क्योंकि सहने की और विरोध करने की एक हद तो होनी ही चाहिए.
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