एक ज़रा सी बावड़ी |
रोज निकलता है 1.50 लाख लीटरपानी
हम औरंगाबाद की एक ऐसी बावड़ी की बात कर रहे हैं, जो पुराने शहर के बीचोबीच स्थित है. उसके आकार और प्रकार को देखकर आपको अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाएगा कि वहां से एक दिन में 1.50 लाख लीटर पानी रोजाना निकाला जाता है. शहर की पुरानी बसाहट में स्थित यह जल स्त्रोत किसी अबूझ सी जलधारा से हमेशा भरा ही रहता है, जिसका प्रयोग यहां के एक पूर्व विधायक किशनचंद तनवानी रोजाना एक लाख लीटर ऑरो पानी बांटकर बखूबी कर रहे हैं. शहर के गुलमंडी परिसर में दो फिल्टर प्लांट लगाकर लगभग दो साल पहले शुरू की गई परियोजना का श्रेय तनवानी उनके घर में शुरू किए गए फिल्टर प्लांट को देते हैं, जिससे प्रेरणा लेकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से लोगों को फिल्टर पानी का प्लांट शुरू किया.
सिंगापुर कॉम्पलैक्स और बावड़ी
यहाँ हगुलमंडी के पास ही बने सिंगापुर कॉम्पलैक्स में पहले से मौजूद बमुश्किल पांच फीट गहरी बावड़ी को तनवानी ने जलसेवा के लिए चुना. जहां से एक भूमिगत पाइप लाइन के सहारे उन्होंने जेहलिया टॉवर में पानी पहुंचाया. यहां लगभग 35 लाख रुपए की लागत से दो प्लांट तैयार किए गए, जिनमें एक घंटे में 5000 लीटर पानी फिल्टर कर आॅरो किया जाता है. उन्होंने ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे एक दिन में 1 लाख 25 हजार लीटर पानी बावड़ी से 20 घंटों में निकालकर फिल्टर किया जाता है. हालांकि फिल्टर होने में तकरीबन 25 हजार लीटर पानी वेस्टेज होता है, जिसे भूमिगत कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि 11 अक्टूबर 2011 को उनके जन्म दिवस पर इस परियोजना का शुभारंभ उन्होंने किया था, जो यथावत जारी है. पूरे 24 घंटों में केवल 4 घंटे के लिए प्लांट के मोटरों और मशीनरी को मेंटिनेंस के लिए बंद किया जाता है. बाकी दिनभर इस परियोजना के सहारे शहर के 5000 परिवार लाभान्वित होते हैं. लगभग एक लाख रुपए मासिक खर्च वाली यह परियोजना तनवानी सेवा भाव से लगातार चार सालों से चलाते आ रहे हैं. उनका दावा है कि देशभर कि यह अपनी तरह की अकेली परियोजना होगी, जिसमें रोजाना आॅरो वाटर उपलब्ध कराया जा रहा है. (आॅरो पानी को प्यूरी फाई करने के बाद का एक चरण है, जिसमें पानी की शुद्धता फिल्टर से भी ज्यादा हो जाती है)
तस्वीरों में इसकी कुछ झलकियाँ।बावड़ी को साफ़ रखने के लिए तनवानी ने यहाँ साईं मंदिर बना दिया है।
0 Comments