मेरी आवारगी

मैं लिखूंगा.....

मैं लिखूंगा 
और लिखता रहूंगा 
मेरी  जिन्दगी 
की स्याही से आखरी 
बूंद चुकने तक। 
मेरे शब्द ही 
मेरी आत्मा हैं, 
जिस्म के बोझ से 
तो कब का आजाद हो चुका हूं। 
ये जो मिट्टी की परत तुम्हें दिख रही है, 
वो मेरी बेबशी का गवाह है। 
मेरे शब्द तुम्हें जीने नहीं देंगे, 
ये तुम्हारी आत्मा को चीर देंगे। 
इनकी तासीर गर्म हो चली है...||

#आवाराकीडायरी

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