मेरी आवारगी

'महात्मा' को भी भाई थी हिंसा

यंग इंडिया के १९२७ के अंक मे प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार.... बापू ने कहा था
''मैं पूरण विशवास के साथ कह सकता हूँ कि जहाँ मुझे हिंसा और कायरता के बीच किसी एक को चुनना होगा तो हिंसा को ही चुनुँगा ''

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1 Comments

Unknown said…
deepak ki chingari jane kaha kaha aag lagayegi. apni es chingari ko yo hi bhadkaye rakhnea .apki9 kalpana kaile tariph haui.