पोस्ट साभार : दैनिक भास्कर डॉट कॉम
ऑटो ड्राइवर से एक्टर बन कर बतौर विलेन दर्शकों के दिल में छा जाने
वाले हिंदी और मराठी फिल्मों के अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का लंबी बीमारी
के बाद मुंबई में निधन हो गया। कुछ दिन पहले उन्हें गंभीर हालत में मुंबई
के कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ
हफ्तों से अमरापुरकर के फेफड़े में संक्रमण था। बीते शनिवार को उनकी हालत
नाजुक हो गई थी। इसके बाद उन्हें लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर रखा गया
था, लेकिन संक्रमण बढ़ जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। सोमवार तड़के करीब
तीन बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। उन्हें दो हफ़्ते पहले भी अस्पताल में
भर्ती कराया गया था।
सदाशिव अमरापुरकर का जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर में 11 मई 1950 को
हुआ था। फिल्मों में आने से सदाशिव नासिक की गलियों में ऑटो चलाया करते
थे।
अहमदनगर में होगा अंतिम संस्कार :
अंतिम दर्शन के लिए सदाशिव का पार्थिव शरीर मुंबई के विले पार्ले के
भाई दास ऑडिटोरियम में रखा गया है। अंतिम संस्कार मंगलवार शाम 4 बजे
महाराष्ट्र के अहमदनगर में होगा। फिल्मी कलाकारों ने अमरापुरकर को श्रद्धांजलि दी है। अमरापुरकर के परिवार में पत्नी शीना और बेटी रीमा हैं।
250 फिल्में कीं
अमरापुरकर ने करीब 250 फिल्में की हैं, जिनमें 'अर्धसत्य', 'सड़क',
'हुकूमत', 'आंखें' और 'इश्क' काफी कामयाब रहीं। 1984 में आई 'अर्धसत्य' के
लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर की कैटेगरी में फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला
था।
1991 में आई 'सड़क' के लिए उन्हें बेस्ट विलेन की कैटेगरी में फिल्म
फेयर अवॉर्ड मिला था। अमरापुरकर को आखिरी बार 2012 में आयी फिल्म ‘बाम्बे
टाकीज’ में अभिनय करते हुए देखा गया था।
2 साल तक बिताई गुमनाम जिंदगी :
अमरापुरकर का जीवन के अंतिम वर्षों में बॉलीवुड से मोहभंग हो गया था।
वह दो साल तक अमेरिका में गुमनाम-सी जिंदगी बिताने के बाद वापस भारत लौटे
थे। उन्होंने आखिरी बार 2012 में आयी फिल्म 'बाम्बे टाकीज' में अभिनय
किया।
टीवी पर भी छोड़ी अभिनय की छाप :
टीवी पर भी छोड़ी अभिनय की छाप :
सदाशिव ने जीटीवी के सीरियल 'शोभा सोमनाथ की' में एक तांत्रिक
रूद्रभद्र का चरित्र निभाया था, जो कि इस सीरियल का सबसे बड़ा खलनायक है।
इसके अलावा उन्होंने अमाल अलना निर्देशित सीरियल 'राज से स्वराज तक' के चार
एपीसोड में लोकमान्य तिलक का किरदार निभाया था। अमरापुरकर ने श्याम बेनेगल
निर्देशित सीरियल 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के चार एपीसोड में ज्योतिबा फुले
का चरित्र निभाया था। उन्होंने मराठी सीरियल 'कुलवधू' में भी अभिनय किया
था।
स्टेज आर्टिस्ट भी थे अमरापुरकर :
स्टेज आर्टिस्ट भी थे अमरापुरकर :
टीवी और फिल्मों के अलावा अमरापुरकर ने तुकाराम के भजनों पर आधारित चार सौ साल पुराना एक नाटक किया था जिसमें संगीत व नृत्य भी था।
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