साभार ; गूगल |
तुम कोई ख्वाब में डूबा नाम नहीं
जिंदगी बस यूँ ही तमाम सही
रहनुमाई जेहन का रोग हो तो क्या
अपनी भी गुजरी है हुनर बनाने में
कभी अलहदा कोई कलाम नहीं
जिंदगी बस यूँ ही तमाम सही
रहनुमाई जेहन का रोग हो तो क्या
अपनी भी गुजरी है हुनर बनाने में
कभी अलहदा कोई कलाम नहीं
आओ तो बात बने साझा हो दर्द
अभी तो जंग सा लगा है इरादों में
सिरहने रख छोड़ा है बासी चिट्ठा
तकिये पे बहकर सूख गई हैं यादें
सुर्ख है अब तक तुम्हारा वो रंग
अभी तो जंग सा लगा है इरादों में
सिरहने रख छोड़ा है बासी चिट्ठा
तकिये पे बहकर सूख गई हैं यादें
सुर्ख है अब तक तुम्हारा वो रंग
तुम बस नाम नहीं कुछ उससे ज्यादा
मिलोगे तो कह सकूँगा तुम्हारा फन
कुछ उलझा रह गया जुल्फों में तेरी
एक तारीख की गवाही को रोया हूँ
सताया तुम्हीं ने और अब देखो
जो नहीं मिला उसी में खोया हूँ
मिलोगे तो कह सकूँगा तुम्हारा फन
कुछ उलझा रह गया जुल्फों में तेरी
एक तारीख की गवाही को रोया हूँ
सताया तुम्हीं ने और अब देखो
जो नहीं मिला उसी में खोया हूँ
जो सूख गया तेरी याद का रंग
वही अब तक छपा है मेरे अंग
कहो तो कितना साफ है पानी
हमारी इन मटमैली आँखों का
उसी आह में टपकती हैं सदा
आवारा दिल की धड़कनों में
कब तक छुपा के रखूंगा इन्हें
सूखा नहीं है वो मेहँदिया रंग
वही अब तक छपा है मेरे अंग
कहो तो कितना साफ है पानी
हमारी इन मटमैली आँखों का
उसी आह में टपकती हैं सदा
आवारा दिल की धड़कनों में
कब तक छुपा के रखूंगा इन्हें
सूखा नहीं है वो मेहँदिया रंग
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