เคฎेเคฐी เค†เคตाเคฐเค—ी

๐Ÿ˜ เคตेเคฒेंเคŸाเค‡เคจ เคชเคฐ เคฎंเค—เคฐू เค•ा เค–เคค ๐Ÿ˜˜

मेरी करेजा"...💋
वेलेंटाइन बाबा के कसम,
ई लभ लेटर मैं डेहरी पर चढ़कर लिख रहा हूँ...
डीह बाबा काली माई के कसम,
आज तीन दिन से मोबाइल में टावरे
नहीं पकड़ रहा था...
ए करेजा... रिसियाना मत...

मोहब्बत के दुश्मन खाली हमरे-तुम्हरे
बाउजी ही नहीं हैं...
यूनिनार औ एयरसेल वाले भी हैं"...😞
जब फोनवा नहीं मिलता है तो मनवा
करता है कि गड़ही में कूद लकर जान दे दें....

अरे! इन सबको आशिक़ों के दुःख का क्या पता रे...😒
हम चार किलो चावल बेच के नाइट फ्री वाला पैक डलवाए थे...
लेकिन हाय रे नेटवर्क ...कभी-कभी तो मन करता है...
कि चार बीघा खेत बेचकर दुआर पर एक टावर लगवा लें...औ रात भर तोहसे बतियावें ...😊

तुमको पता है, जब-जब सरसो का खेत देखता हूँ न, तब-तब तुम्हाई बहुते याद आवत है...लगता है,
तुम हंसते हुए दौड़कर मेरे पास आ रही हो...
मन करता है, ये सरसों का फूल तोड़कर
तुम्हारे जूड़े में लगा दूँ...

औ' जोर से कहूं..."आई लव यू करेजा"...💋
अरे, अब गरीब लड़के कहाँ से सौ रुपया का गुलाब खरीदेंगे ...?
जानती हो, हवा एकदम फगुनहटा बह रही है..
तुम तो घर से निकलती नहीं हो...
यहाँ मटर, चना, जौ के पत्ते सरसरा रहे हैं...अरहर और लेतरी आपस में बतिया रहे हैं...

मन करता है खेत में ही तुम्हारा दुपट्टा बिछाकर सो जाऊं, औ' सीधे होली के बिहान उठूँ...
उस दिन चंदनिया के बियाह में तुम आई थी न ...
हम देखे थे, तुम केतना खुश थी...
करिया सूट में एकदम फूल गोभी जैसन लग रही थी 😍 ...

तुमको पता है, तुमको देखकर हम दू घण्टा नागिन डांस किए थे ...☺
बाकी सब ठीके है. रात दिन तुम्हारी याद आती है. पागल का हाल हो गया है...
रहा नहीं जा रहा.
तेरह को बनारस में
भरती है...

देखो! बरम बाबा का आशीरबाद रहा तो मलेटरी में भरती होकर तुमसे जल्दी बियाह करेंगे...
हम नहीं चाहते की तोहरा बियाह किसी बीटेक्स वाले से हो जाए...

और हमको तोहरे बियाह में रो-रोकर पूड़ी-पत्तल-गिलास चलाना पड़े...
आगे सब कुशल मंगल है ... तू आपन खयाल रखा,
हम मज़े में हैं ...💋

तोहार आशिक ...
मंगरू 😘

सौजन्य : मंगरू के व्हाट्सएप से कॉपी ... एंटी रोमियो स्क़वार्ड के दिनों में विशेष )

नोटः यह गुदगुदाता और प्यार में पगा पोस्ट वरिष्ठ फिल्म पत्रकार चंडी दा की फेसबुक वॉल से बिना सम्पादन के साभार लिया गया है। आप उनसे यहाँ मिल सकते हैं।

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