छुटकी Shikha तुम्हें ढेर सारा प्यार। वीरेंद्र जीजा जी को भी नए जीवन में प्रवेश के लिए ढेरों बधाइयां। आप दोनों जीवन भर एक - दूसरे का सुख-दुःख साझा करते रहें। पति - पत्नी का ये रिश्ता दो सच्चे मित्रों के प्रेम से हमेशा पगा रहे। आप दोनों की ये तस्वीर भले सगाई की है, लेकिन मुझे इसमें आपके बेहद खूबसूरत भविष्य की झलक दिख रही है। माँ आप दोनों पर कृपालु रहें।
छुटकी तुम घर में सबकी लाड़ली हो। मुझे पूरा भरोसा है कि उतना ही लाड़ तुम्हें ससुराल में भी मिलेगा। कल तुम्हारा जाना घर को बहुत सूना कर जाएगा। क्योंकि ये कह देना बहुत आसान है कि बेटियां पराया धन होती हैं, लेकिन उनका जाना जिंदगी से असल रौनक का चले जाना है। जब तक बेटियां घर होती हैं, उनका स्नेह और प्रेम ही घर को बांधे रखता है। रिश्तों की इसी नाजुक डोर से पूरा परिवार गुंथा रहता है। कभी उनका प्रेम ममत्व में डूबा दिखता है, तो कभी लाड़ से पगी भोजन की थाली जन्म-जन्म के भूखे की अंतस-क्षुधा को शांत कर जाती है। तुम पर माँ अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहे।
बहन तुम्हारे चेहरे पर हंसी बहुत फबती है। इसे यूँ ही सँजोये रखना। अब जब लिख रहा हूँ तो गांव की गलियों से लेकर बाग-बगीचों तक पूरा बचपन सामने से गुजर रहा है। कल तुम डोली में बैठकर ससुराल चली जाओगी। यह एक रस्म अदायगी है और तुम विदा भी हो जाओगी, लेकिन मन के अंतिम छोर से तुम्हारा जाना कभी नहीं हो पाएगा। इसीलिए कल हम सबकी आंखों से बहते खारे पानी को तुम्हारे खुशहाल जीवन की मघावट समझना। मुझे विश्वास है कि तुम खुशियों की वो पोटली अपने साथ ले जाओगी, जिससे अब तक सारा घर रोशन है। गृहस्थ जीवन में प्रवेश की तुम्हें अग्रिम शुभकामनाएं। ढेर सारा प्यार। यूँ ही हंसती रहना।
@ तुम्हारा दादा
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