मेरी आवारगी

वास्तव में तुम बसन्त हो जीवन का


जिंदगी में इससे बेहतर भला और क्या होगा कि अबके बरस का बसंत मुनिया को साथ लेकर आया है। सच कहूँ तो मेरे लिए तुम्हारा Namita होना ही बसंत है। तुमने शादी की पांचवीं सालगिरह पर इतना अनमोल तोहफा दिया है। जिंदगी में अब इससे ज्यादा भला और क्या चाहिए। शादी की सालगिरह की तुम्हें ढेरों शुभकामनाएं।

यूँ ही साथ चलते-चलते, लड़ते-झगड़ते, हंसते-गाते ये पाँच साल कब हवा हो गए पता ही नहीं चला। जिंदगी के इन सालों को अपने प्रेम से इतना यादगार और खूबसूरत बनाने के लिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया। अक्सर लोगों को कहते सुना है कि हमसफ़र साथ हो तो रास्ते बड़ी आसानी से कट जाते हैं।

 मैं याद करता हूँ तो लगता है कि बीते सालों में जिंदगी का सफ़र कितना भी कठिन रहा हो, वक्त कितना भी विपरीत रहा हो, तुम्हारे साथ ने बड़ा बल दिया है। तुम हो तो जीवन की कठिन से कठिन डगर भी आसान लगती है। जीने का दिल करता है। इस कोरोना महामारी के उदास मौसमों के बीच अबकी बार ये बसंत मुनिया की किलकारियां अपने साथ लेकर आया है, जो फिलवक्त कानों के लिए किसी संगीत से कम नहीं हैं। इसलिए इसवक्त मैं इस पल को जीभर के जी रहा हूँ। मेरी जिंदगी को इस माधुर्य से भरने के लिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया प्रिये। वास्तव में  जिंदगी का असल बसन्त तो तुम ही हो।
लव यू जिंदगी 💝। 

© दीपक गौतम 
-5 फरवरी 2022

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