मेरी आवारगी

याद दिलाओ ननिया

जनता  की  अंगुली है जब उठती है सब हिल जाते हैं।  साभार ; गूगल






  
 





  
घुट-घुट के न जियो
गरमी जबर है गुरु
जमके माठा पियो
मर्जी से वोट कियो
भले बड़े हों बल्लम
लोड न तुम लियो
काहे हो रे चक्कर मा
कौनो नहीं टक्कर मा
सगरा करो तु सुधार
वोट ही एक आधार
जल्दी करो विचार
रेलमपेल हो भाई
अबकी बार धुलाई
जौन के नीक विचार
ऊहे बनाओ सरकार
होई जाए जेसे सकार
तबे दिखेगा उजियार
न करो मुन्ना अब्यार
नेतवा जाएं कल्हार
ऐसने करो तु उद्धार
हरकत मा आओ हरिया
कौनो न पेलेगा सरिया
झोक के करो वोटिंग
सोंटा-सोंट मचाओ
नक्कारों को भगाओ
हिमाकत करो धनिया
खीचो अब परदनिया
बजाओ रे हरमुनिया
जनता के पैजनिया
नाचो और नचाओ
आबा है चुनाव सुनो
ओ कक्का ओ काकी
याद दिलाओ इनको
अबकी इनकी ननिया
(आवारा)

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