साभार गूगल |
कभी-कभी लगता है ये जिंदगी न जाने कब साथ छोड़ दे,
जरा सी आरजू है यारों के फिर कोई जी भर मुझे प्यार करे और छोड़ दे।
जरा सी आरजू है यारों के फिर कोई जी भर मुझे प्यार करे और छोड़ दे।
ये जीना भी गजब है आवारा अधूरे अरमान दम तोड़ती ख्वाहिशें
और तुम्हारी आँख से बहता पानी, अब सब बह चला है कोई नदी होने के लिए।
और तुम्हारी आँख से बहता पानी, अब सब बह चला है कोई नदी होने के लिए।
किसी झील में मिलने का ख्वाब संजोया था
अब हसरतें दफ्न होना चाहती हैं जिस्म के कफन होने के लिए।
अब हसरतें दफ्न होना चाहती हैं जिस्म के कफन होने के लिए।
कफन होना है तो आ जाओ, हम हुस्न वाले हैं हर आँख का सपना दफन करते हैं।
आवारा जब जीने लगता है दीवाना कोई हमारी आँख में डूबकर,
हम उसकी रूह में घुलकर गहरे तक दहन करते हैं।
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