मेरी आवारगी

ऐसी खबरें सुकून देती हैं

जब हर ओर नफरत की गर्द हो और दिलों में दर्द ही दर्द हो तो ऐसे धार्मिक उन्माद और जहर बुझे माहौल में सदभाव की खबरें काफी सुकून दे जाती हैं. कहने को तो ये औरंगाबाद में होने वाला एक धार्मिक भंडारा मात्र है, जो हर अषाढ़ी एकादशी पर मनाया जाता है, लेकिन  इसकी नींव रखने वाला नेकदिल इंसान एक मुस्लिम भाई है. पिछले तेरह साल से जारी ये भंडारा दहशत भरे माहौल में कुछ राहत तो जरूर देता है. साथ में एक संदेश भी कि कुछ इस तरह से भी सोचा जा सकता है.

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