मेरी आवारगी

हर जिस्म में साबुत हम ही नजर आएंगे


लुटा लो जीभर के प्यार दुनिया पे, 
इश्क की इबारत तो तुमने हमीं से सीखी है।
 जब भी जुल्फ लहराओगे उन खुशबुओं से बिखर जाएंगे,
 चूमोगे जो लव कोई तो लहू में उतर जाएंगे।
 निगाह अब भी नीची होगी तेरी दामन थाम लो कोई सा, 
हर जिस्म में साबुत तुम्हें हम ही नजर आएंगे।
मोहब्बत टूट के की है हमने तुम तोड़ दो वो फूलदान तो क्या, 
कायनात के हर गुलाब से मोहतरम तेरी रूह तक महक जाएंगे।
'आवारा' कर लो कुछ और नाकाम कोशिशें, 
देखना राख होने तक इंतजार में तेरे एक हम ही खड़े रह पाएंगे।

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