मेरी आवारगी

तुम्हें जन्म दिन मुबारक हो गुल्लू...हमेशा हंसते रहना

गुल्लू अपने राजू मामा की शादी में पोज देते हुए। 
मामा-भांजी 2010 में भोपाल भ्रमण पर।
मामा-भांजी 2019 में भोपाल में बड़ी झील पर नौकायन करते हुए।
जब लिटिल स्टार में गुल्लू की तस्वीर छपी। 

ये हमारी भांजी गुल्लू हैं, जिनकी बचपन की तस्वीरों से अपना फेसबुक अकाउंट भी खिलखिलाता रहा है। अब फिलहाल बिटिया रानी बड़ी हो चली हैं और इनकी चहक से पूरा घर गुलजार रहता है। खाने से इन्हें ज्यादा लगाव नहीं है। फल और जूस इन्हें ज्यादा भाता है। जोर जबर्दस्ती में अभी खाने की ख़ुराक थोड़ा-थोड़ा लेना सीख रही हैं।

मैं इन्हें प्यार से अभी भी गुल्लू ही बुलाता हूं। ये बचपन में बहुत शरारती थीं। अब कुछ गम्भीर हो चली हैं। स्पोर्ट्स में दौड़ और कराटे पर हाथ आजमा रही हैं। समय-समय पर मेडल भी झटक लाती हैं। हम सब की बहुत दुलारी हैं। जब छोटी थीं, तो हेयर बैंड से लेकर हेयर क्लिप तक इनकी हजार फ़रमाइशें होती थीं। और मामा को भोपाल फोन किया जाता था कि फलां-फलां समान भिजवा दीजिए। तब कुछ महिला मित्रों की सहायता लेकर इनकी शॉपिंग पूरी की जाती थी।  अब आजकल ये सब शॉपिंग का जिम्मा इन्होंने अपनी मामी को सौंप दिया है। कभी-कभी तो यूँ भी होता है कि सामने पसंदीदा सामान होने पर भी ये शॉपिंग करने का तकल्लुफ नहीं उठाती हैं। इनकी मम्मा ने अगर ज्यादा शॉपिंग करने पर कुछ डांट लगा दी, तो फिर मामा से भी कुछ लेने में परहेज करती हैं। उपहार इन्हें अच्छे लगते हैं और उन्हें सहेजना भी। करीब 10 साल पहले पचमढ़ी से इनके लिए एक छोटा सा पीतल का भोंपू लाया था, जो आज भी इन्होंने अपने कमरे में सजाकर रखा है। कभी शैतानियों का पुलिंदा थीं, अब शैतानियों और शरारतों से आगे निकल चुकी हैं। कोई सात या आठ साल की रही होंगी, बोलीं मामा मेरी फ़ोटो अखबार में नहीं आती है। प्लीज निकलवाइये। मैंने बहुत समझाया, लेकिन नहीं मानीं। फिर कुछ पत्रकार साथियों की मदद से बच्चों के लिए शुरू हुए एक अखबारी पन्ने में आखिरकार कुछ जतन के बाद इनकी तस्वीर छापी गई। अब आलम ये है कि स्कूल की कल्चरल और स्पोर्ट्स एक्टिविटी में पार्टिसिपेट करने से शहर के अखबारों में मेडल लेते हुए इनकी तस्वीर अक्सर दिख जाती है। 

आठवीं जमात में हैं और इनका सपना है-डॉक्टर बनना। कहती हैं जरूरतमंद और गरीबों के लिए एक अस्पताल खोलना है।  तुम्हारा ये ख़्वाब जरूर पूरा होगा। अपने सपने को जीने के लिए बस यूं ही मेहनत से आगे बढ़ते रहो बेटी। तुम्हारी नन्हीं आंखों के ख़्वाब सिर्फ तुम्हारे ख़्वाब नहीं हैं, ये उन दो-चार जोड़ा आंखों के भी हैं, जिन्हें तुम हमेशा अपने सबसे पास पाती हो। जो हमेशा तुम्हारी हंसी में हंसते हैं और तुम्हारा रोना जिनकी आंखों से बरसता है। 

गुल्लू तुम्हारी हंसी से बेहतर दुनिया में कुछ भी नहीं है, क्योंकि तुम्हारी एक मुस्कान और खुशी से हम सब के चेहरे खिलते हैं। इसलिए इसे यूँ ही अपने चेहरे पर बनाये रखना। याद रखना इस दुनिया में सबसे जरूरी है खुश रहना और हर हाल में मुस्कराते रहना। अगर तुम्हारे चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहेगी तो हर विपरीत परिस्थिति और कठिनाई भी तुम्हारा हौसला नहीं तोड़ पाएगी।

तुम इस खूबसूरत दुनिया में अपने सबसे प्यारे लोगों के साथ रहकर बड़ी हो रही हो। इससे बेहतर भला और क्या हो सकता है। इतना प्यार करने वाले लोगों का जीवन में होना सबसे महत्वपूर्ण बात है। इसलिए हमेशा इसकी कद्र करना। समय के साथ-साथ अपने आस-पास की दुनिया को धीरे-धीरे समझना सीखो। हमेशा याद रखना कि तुम कितनी भी बड़ी हो जाओ हम सबके लिए छुटकी सी गुल्लू ही रहोगी। इसलिए जीवन में जब भी तुम अपने फैसले लेने लायक हो, हमेशा याद रखना कि इस दुनिया में कोई दो-चार जोड़ा आंखें हैं, जिनका सबसे सुनहरा सपना खुद तुम हो, तुम्हारी खुशी है, तुम्हारी हंसी है, तुम्हारी कामयाबी है। वो आंखें तुम्हारे सपनों के लिए ही उनींदी हैं और उन्हें हर हाल में पूरा होते हुए देखना चाहती हैं। तुम्हें जीवन में जो बनना है बनो। तुम पर किसी की ख्वाहिशों का बोझ नहीं है। तुम अपने सपने देखने और उन्हें जीने के लिए आज़ाद हो, लेकिन भूलना मत तुम्हारे सपने ही हमारे सपने हैं। 

जीवन में जब कभी भी तुम्हारा भरोसा डगमगाए और परेशानी आये तो याद रखना हम सब तुम्हारे साथ खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे। न जाने क्यों लिखते-लिखते इतना सारा लिख गया और ये भी नहीं सोचा कि ये ब्लॉग तुम्हारी उम्र की तुलना में कुछ ज्यादा ही गम्भीर (सीरियस) हो गया। पर मुझे भरोसा है कि तुम इसे समझ सकोगी। 

तुम्हें ढेर सारा प्यार गुल्लू, खूब आगे बढ़ो और यूँ ही खिलखिलाती रहो, चहकती रहो। ईश्वर तुम्हें जीवन की हर कठिनाई से लड़ने और उससे उबरने की ताकत दे। 
खुश रहो, तुम्हें जन्म दिन मुबारक हो मेरे बच्चे। 


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4 Comments

Sidharth pandey said…
Happy birthday anoosha...
जन्मदिन की ढेरों बधाई गुल्लू बिटिया|
Deepak Gautam said…
धन्यवाद मामू।
Deepak Gautam said…
धन्यवाद मामू