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(मैं + तुम = हम) |
तुम्हारा प्रेम किसी दरख़्त की बरसी वो अमृत बूंद है, जिसके लिए चकोर पक्षी अपना जीवन खपा देता है। मेरे जीवन का सबसे सुनहरा बसन्त हो तुम। जीवन की अप्रतिम खोज हो तुम। अनंत पड़ावों के बाद जब जीवन की खोज के आखिरी चरण में किसी कीमियागर को पारस के दर्शन होते हैं, वही सुनहरा पल हो तुम। इस अनमोल पल को मैंने रूह के किसी कोने में जज्ब कर दिया है। तुम्हारा होना ही स्वयं में प्रेम का साक्षात्कार है। तुम्हारा स्पर्श जीवन की मखमली बर्फ की छुअन है। मेरा जीवन तुम्हारे इसी इश्किया चाश्नी से डूबा हुआ है। इस मिठास को मैं कभी कम नहीं होने देना चाहता हूँ। तुम हो तो मैं हूँ। जीवन की इस उजले किरण को सलाम। मेरे लिए प्रेम आत्मा के पोर-पोर में पसरा है। मैं किसी वैलेंटाइन डे का मोहताज नहीं, फिर भी इश्क आबाद रहे। जिंदगी जिंदाबाद। आवारगी जिंदाबाद। रूहों को सुकून अता हो। हैप्पी वेलेंटाइन डे 💝
- 14 फरवरी 2020
© दीपक गौतम
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