मेरी आवारगी

मैं तुम्हारे प्रेम और स्नेह का सदा ऋणी रहूँगा

जन्म दिवस की ढेरों शुभकामनाएं प्रिये। ये मुस्कान जो तुम्हारे चेहरे पर सजी है। इसे यूँ ही बनाए रखना, क्योंकि तुम्हारी इसी मुस्कान से अपने जीवन का गुलदस्ता सजा है। इन छोटे-छोटे खुशी के अवसरों पर जो हंसी के जो पल मिलते हैं। सच पूछो तो बस वही असल हैं, क्योंकि जीवन की आपाधापी कई बार ये वक्त भी छीन लेती है। इसलिए  जिंदगी की किताब पर हंसी-खुशी के रंग भरते रहना बेहतर है। 

तुम्हारा साथ होना खुद के होने का अहसास दिलाता है। मैं जिस कदर बेपरवाहियों के साथ जीता रहा हूँ। कभी-कभी सोचता हूँ, तो लगता है कि मेरे जैसे आवारा आदमी के साथ निबाह करना बेहद कठिन है। लेकिन तुमने जितनी सहजता और सरलता से अपने जीवन की दशा और दिशा को बदला है, उसके लिए मैं तुम्हारा सदैव ऋणी रहूँगा।क्योंकि इतने परिवर्तन के साथ हंसते - मुस्कराते हुए जीने की कला केवल स्त्रियों में ही है। 

एक स्त्री जितना बदलाव जीवन भर स्वीकार करती है, उसका लेश मात्र भी कर पाना पुरुष के वश में नहीं है। बचपन से लेकर विवाह के पहले तक पिता के जिस घर को लड़की हमेशा अपना समझती रहती है। विवाह होते ही एक पल में वो सदा के लिए छूट जाता है। फिर उसे एक नए आशियाने (ससुराल) को अपना बनाने का संघर्ष करना पड़ता है। बावजूद इसके मायके और ससुराल वाले गाहे-बगाहे उसे जताते ही रहते हैं कि उसे अभी और सीखने की जरूरत है।

हमारे समाज की शायद ये सबसे बड़ी विडम्बना है कि एक घर को 'घर' बनाने वाली स्त्री जीवन भर उसे हक़ से अपना भी नहीं कह पाती है। कभी सोचकर तो देखिए कि वास्तव में कितना कठिन है एक बना बनाया घोसला छोड़कर दूसरे घोसले को अपना बनाना।  तिनका-तिनका जोड़कर एक घर सम्भालने और उसे बनाने में उम्र गुजर जाती है। लेकिन एक स्त्री लगातार बेटी, बहन, पत्नी, बहू, जेठानी, देवरानी और बहुत से रिश्तों को निभाते हुए माँ भी बनती है। जीवन में हर कदम उसे जितने बदलावों से गुज़रना पड़ता है, उसका लेश मात्र भी यदि पुरुष के हिस्से में आ जाए तो यक़ीन मानो जीवन का सारा संतुलन ही बिगड़ जाएगा। 

जीवन भर पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के बाद भी कई बार उसे उतना सम्मान और प्रेम नहीं मिल पाता जिसकी वो हक़दार है। बावजूद इसके पूरी तसल्ली से स्त्रियाँ जीवन के अपार दुःखों को अपनी हंसी से ठोकरें मारती रहती हैं। इसलिए मुस्कान को सजाए रखना और हंसी को अनवरत बनाए रखना बहुत जरूरी है। 

प्रिये साथ-साथ चलते हुए जीवन का लगभग आधा दशक गुज़र गया है। ये तुम्हारा पांचवां जन्म दिन हम साथ मना रहे हैं। इस दरमियान मैं तुम्हारे चेहरे पर  मुस्कराहटें सजाने में कामयाब रहा हूँ। मेरे लिए यही सबसे ज्यादा मायने रखता है। मैं तुमसे मिले अपार प्रेम और स्नेह का सदा  ऋणी रहूँगा। 

जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं।  🎊🎊🎊 ईश्वर तुम्हारी दस बाई दस की ये चौड़ी मुस्कान सदा बनाए रखे। लव यू 💝

- 9 दिसम्बर 2021
© दीपक गौतम

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